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10 May 2025 Panchang (10 मई 2025 का पंचांग)

10 May 2025 Panchang (10 मई 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 10 मई 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह


Aaj Ka Panchang 10 May 2025: आज 10 मई 2025 वैशाख माह का 28वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष तिथि त्रयोदशी तिथि है। आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर सिद्धि योग रहेगा। वहीं चंद्रमा दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक कन्या राशि में रहेंगे और इसके बाद तुला राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक रहेगा। इस दिन राहुकाल सुबह 08 बजकर 56  मिनट से 10 बजकर 37  मिनट तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित होता है। आज कोई खास त्योहार नहीं है, लेकिन रवि योग बन रहा है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 


आज का पंचांग 10 मई 2025

  • तिथि - वैशाख शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि  
  • नक्षत्र - चित्रा
  • दिन/वार - शनिवार
  • योग - सिद्धि
  • करण - तैतिल और गर 

वैशाख शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि प्रारंभ - 09 मई दोपहर 02:56 बजे 

वैशाख शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त -10 मई शाम 05:29 बजे 


सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - मेष राशि में रहेंगे। 
  • चंद्र - चंद्रमा दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक कन्या राशि में रहेंगे और इसके बाद तुला राशि में गोचर करेंगे।


सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - सुबह 5 बजकर 33 मिनट पर 
  • सूर्यास्त - शाम 7 बजकर 02 मिनट पर 
  • चन्द्रोदय - शाम 5 बजकर 07 मिनट पर 
  • चन्द्रास्त - 11 मई को प्रात:काल 04 बजकर 25 मिनट पर 


आज का शुभ मुहूर्त और योग 10 मई 2025

  • रवि योग - प्रात:काल 05:33 बजे से 11 मई रात्रि 03:15 बजे तक। 
  • ब्रह्म मुहूर्त - प्रात:काल 04:09 बजे से सुबह 04:51 बजे तक।
  • अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक।
  • अमृत काल - रात्रि 08:01 बजे से रात्रि 09:50 बजे तक।
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02:32 बजे से दोपहर 03:26 बजे तक। 
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07:01 बजे से शाम 07:22 बजे तक।
  • संध्या मुहूर्त - शाम 07:02 बजे से रात्रि 08:05 बजे तक।


आज का अशुभ मुहूर्त 10 मई 2025

  • राहु काल - सुबह 08:56 बजे से सुबह 10:37 बजे तक।
  • गुलिक काल - प्रात:काल 05:33 बजे से सुबह 07:15 बजे तक।
  • यमगंड - दोपहर 01:59 बजे से दोपहर 03:40 बजे तक। 
  • दिशाशूल - पूर्व, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • वर्ज्य - सुबह 09:11 बजे से सुबह 10:59 बजे तक।


10 मई 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • शनिवार का व्रत - आज आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है। 


आज का उपाय 10 मई  2025

10 मई को सिद्धि योग बन रहा है। सिद्धि को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। 

  • शनिवार के उपाय - शनिवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन भगवान शनि की पूजा करना शुभ माना जाता है। शनिवार के दिन काले वस्त्र धारण करने, काले तिल, काले चने और काली उड़द का दान करने से भी लाभ होता है। इसके अलावा इस दिन शनि मंदिर में जाकर भगवान शनि की पूजा करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं।


10 मई 2025 आज के पंचांग का महत्व

आज चित्रा नक्षत्र है। चित्रा को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। वैशाख का महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इसलिए इस माह श्री हरि की पूजा विधिवत करे। साथ ही आज वार कि हिसाब से शनि देव की पूजा करने का विधान है। आज कोई खास त्योहार नहीं है, लेकिन रवि योग बन रहा है। 


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संगम नहीं जा पाए तो ऐसे ले कुंभ का पुण्य लाभ

महाकुंभ मेले की भव्यता की बातें चारों ओर हो रही हैं। कड़ाके की ठंड होने के बावजूद लाखों की संख्या में लोग गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर रहे हैं। मान्यता है कि कुंभ में नदी स्नान से मनुष्यों के सारे पाप धुल जाते हैं।

कुंभ नगरी में स्नान के लाभ

अमावस्या एक ऐसा दिन होता है जब ना तो चंद्रमा क्षय होता है ना ही उदित। दरअसल, अमावस्या सूर्य और चंद्र के मिलन का समय होता है। चंद्रमा हमारे मन मस्तिष्क पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है।

महाकुंभ के संन्यासी

संगम तट पर लगे महाकुंभ में लाखों साधु-संत अपनी धुनी रमाए प्रभु की भक्ति में लीन हैं। इनमें नागा साधु, अघोरी, साधु, संत शामिल हैं। इन संतों में कई तरह के संन्यासी आए हुए हैं। इन्हें लेकर कई तरह के रहस्य भी लोगों के मन में हैं।

मौनी अमावस्या अशुभ मुहूर्त

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