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कुंभ स्नान के लिए ये 10 महत्वपूर्ण तिथियां

कुंभ स्नान के लिए ये 10 महत्वपूर्ण तिथियां

MahaKumbh 2025: स्नान के लिए ये 10 महत्वपूर्ण तिथियां, इन दिनो में स्नान से मिलेगा पुण्य का आशीर्वाद


महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक आयोजन है, जो 12 साल में एक बार होता है। वर्ष 2025 में यह  मेला प्रयागराज में आयोजित हो रहा है, जहां लाखों श्रद्धालु मोक्ष की प्राप्ति के लिए पवित्र स्नान करेंगे। माना जाता है कि कुंभ में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्त होता है। इस बार मूल रूप से 6 शाही स्नान होने वाले है। जिनका अपना अपना महत्व है। लेकिन इनके अलावा और भी कई तिथियां हैं, जिस दिन स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ती होती है।  आइए, इस लेख में हम जानते हैं महाकुंभ 2025 की प्रमुख तिथियों के बारे में, ताकि आप भी इस महान अवसर का हिस्सा बन सकते हैं।



 महाकुंभ 2025 की प्रमुख तिथियां:

  


1.पौष पूर्णिमा- 13 जनवरी 2025 

2.माघ कृष्ण एकादशी- 25 जनवरी 2025

3. माघ कृष्ण त्रयोदशी- 27 जनवरी 2025

4.माघ शुक्ल सप्तमी (रथ सप्तमी)- 4 फरवरी 2025

5.माघ शुक्ल अष्टमी (भीष्माष्टमी)- 5 फरवरी 2025

6.माघ शुक्ल एकादशी (जया एकादशी)- 8 फरवरी 2025

7.माघ शुक्ल त्रयोदशी ( सोम प्रदोष व्रत)- 10 फरवरी 2025

8.माघ पूर्णिमा- 12 फरवरी 2025

9.फाल्गुन कृष्ण एकादशी- 24 फरवरी 2025

10.महाशिवरात्रि- 26 फरवरी 2025



इन दिनों पर होगा शाही स्नान 


  • 13 जनवरी 2025- पौष पूर्णिमा पर पहला शाही स्नान  
  • 14 जनवरी 2025- मकर संक्रांति पर दूसरा  शाही स्नान 
  • 29 जनवरी 2025- मौनी अमावस्या पर तीसरा शाही स्नान
  • 2 फरवरी 2025- वसंत पंचमी पर चौथा शाही स्नान 
  • 12 फरवरी 2025- माघी पूर्णिमा पर पांचवा शाही स्नान 
  • 26 फरवरी 2025- शिवरात्रि के दिन आखिरी शाही स्नान होगा।



महाकुंभ 2025 से जुड़ी रोचक बातें


  • उत्तरप्रदेश सरकार ने महाकुंभ के लिए 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट रखा है।
  • महाकुंभ 2025 में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान जताया गया है।
  • महाकुंभ के टेंट को बनाने में इस्तेमाल हुए कपड़े को जोड़ा जाएं, तो इससे अमेरिका तक का रास्ता बन सकता है।
  • कहा जा रहा है कि कुंभ में एक चाय-नाश्ते की दुकान 12 करोड़ रुपए तक नीलाम हुई है।
  • एपल के सीईओ स्टीव जॉब्स की पत्नी भी कुंभ में आध्यात्म का आभास करने के लिए आने वाली है।
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चैत्र नवरात्रि पर कलश स्थापना कब करें

जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही, जीवन में व्याप्त सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। नवरात्रि की शुरुआत प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना से होती है।

चैत्र नवरात्रि पर पढ़ें मां दुर्गा की उत्पत्ति की कथा

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025, रविवार से शुरू होगी। जिसमें मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा उपासना की जाती है, जो 9 दिनों तक चलेंगे। बता दें कि देवी दुर्गा को शक्ति और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है।

चैत्र नवरात्रि 2025 के नियम

चैत्र नवरात्रि का पर्व भारत में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह नौ दिनों तक चलता है, जिसमें भक्तजन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं।

अष्टमी-नवमी एक ही दिन क्यों पड़ेगी

चैत्र नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इन दिनों में विशेष पूजा, उपवास और साधना करने से भक्तों को मनोवांछित फल प्राप्त होता है।

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