Logo

चंद्र ग्रहण में क्यों नहीं करना चाहिए भोजन ?

चंद्र ग्रहण में क्यों नहीं करना चाहिए भोजन ?

चंद्रग्रहण के दौरान भोजन करने से क्यों किया गया मना, जानिए इसके पीछे के कारण 


आपने अक्सर सुना होगा कि ग्रहण के दौरान खाना अशुभ होता है और लोग तुलसी के पत्ते का उपयोग क्यों करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण एक अशुभ घटना मानी जाती है। इस दौरान भोजन करने से व्यक्ति के किए गए सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं। तुलसी को पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि तुलसी के पत्ते खाने में डालने से भोजन के दूषित होने से बचा जा सकता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 


चंद्र ग्रहण के दौरान क्यों नहीं करते हैं भोजन?


आधुनिक विज्ञान के अनुसार, चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसमें पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक सीध में आ जाते हैं। इस दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है जिससे चंद्रमा का कुछ हिस्सा या पूरा हिस्सा अंधेरा हो जाता है। विज्ञान के अनुसार, ग्रहण के दौरान खाना खाने या कोई काम करने से व्यक्ति को कोई वास्तविक नुकसान नहीं होता है। यह सिर्फ एक प्राकृतिक घटना है। शास्त्रों के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें किसी भी नुकीली वस्तु का उपयोग नहीं करना चाहिए और घर के अंदर ही रहना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणें गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक हो सकती हैं। चंद्र ग्रहण के दौरान खाना-पीना वर्जित होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान बना भोजन विषैला हो जाता है।


चंद्र ग्रहण के दौरान व्यक्ति पर प्रभाव 


धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, हमारे शरीर की ऊर्जा चक्र चंद्रमा के चक्रों से जुड़े होते हैं। इसीलिए, भोजन पचाने में भी चंद्रमा का प्रभाव होता है। कुछ लोग मानते हैं कि पूर्णिमा के दिन भोजन करने से वह धीरे पचता है क्योंकि हमारे शरीर की ऊर्जा उस दिन कम सक्रिय होती है। यही कारण है कि ग्रहण के दिन कच्चा खाना खाने से मना किया जाता है। 


आपको बता दें, चंद्र ग्रहण के दौरान ऊर्जा में एक बड़ा बदलाव होता है। यह ऊर्जा पृथ्वी की सतह पर मौजूद हर चीज को प्रभावित कर सकती है। चंद्रमा को हमारे मन और भावनाओं का कारक माना जाता है। चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा की ऊर्जा में परिवर्तन होने के कारण, हमारा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी शुभ प्रभाव नहीं पड़ता है। इतना ही नहीं, चंद्र ग्रहण के दौरान ऊर्जा का प्रवाह बदल जाता है जो हमारे जीवन को प्रभावित करता है।


चंद्र ग्रहण के दौरान किन मंत्रों का जाप करें? 


चंद्र ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति पर किसी प्रकार के अशुभ प्रभाव नहीं पड़ते हैं। 


  • ऊं नमः शिवाय: 
  • ऊं चंद्राय नमः
  • ऊं श्री सोमाय नमः
  • ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:
  • ऊं श्रां श्रीं श्रौं चन्द्रमसे नमः
  • ऊं श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नमः
  • ऊं ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ऊं नम:
  • ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः
........................................................................................................
श्री भैरव चालीसा (Shri Bhairav ​​Chalisa)

श्री गणपति गुरु गौरी पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वंदन करो, श्री शिव भैरवनाथ ॥

श्री नवग्रह चालीसा (Shri Navgraha Chalisa)

श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय ॥

श्री विश्वकर्मा चालीसा (Shri Vishwakarma Chalisa)

श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान।
श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान॥

श्री परशुराम चालीसा (Shri Parshuram Chalisa)

श्री गुरु चरण सरोज छवि, निज मन मन्दिर धारि।
सुमरि गजानन शारदा, गहि आशिष त्रिपुरारि।।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang