हौज खास इलाके में स्थित यह मंदिर पुरी के मंदिर की तर्ज पर ही बनाया गया है और अपनी भव्यता व धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह मंदिर ना केवल दिल्ली में बल्कि पूरे उत्तर भारत में भगवान जगन्नाथ के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। हर साल हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं। रथ यात्रा, नवरात्रि और अन्य धार्मिक त्योहारों के अवसर पर यहां विशेष आयोजन होते हैं। तो आइए, इस लेख में दिल्ली के हौज खास में स्थित जगन्नाथ मंदिर के इतिहास और खासियत के बारे में विस्तार से जानते हैं।
यह मंदिर साल 1969 में बनना शुरू हुआ था, जिसका उद्घाटन 28 जनवरी 1999 को किया गया था। यह मंदिर उड़िया समुदाय के बीच अत्यधिक पूजनीय है। मंदिर के मुख्य द्वार पर कई देवी-देवताओं जैसे श्री बरहा, श्री नरसिम्हा और श्री बामन की मूर्तियां स्थापित हैं। इसके अलावा मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की विशाल लकड़ी की मूर्तियां स्थित हैं।
उड़िया शैली में बने इस मंदिर के मुख्य देवता भगवान जगन्नाथ हैं। भगवान जगन्नाथ के साथ उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की प्रतिमाएं भी यहां स्थापित हैं। इसके अलावा भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों जैसे बरहा देव, नरसिम्हा और बामन देव की प्रतिमाएं भी यहां स्थापित हैं।
मंदिर में प्रवेश करते समय शालीन परिधान पहनने की सलाह दी जाती है। मंदिर के अंदर चमड़े की वस्तुओं की अनुमति नहीं है। दिल्ली के हौज खास में स्थित यह भव्य मंदिर पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तरह ही बनाया गया है।
अगर आप दिल्ली के भगवान जगन्नाथ मंदिर जाना चाहते हैं, तो दिल्ली मेट्रो सबसे अच्छा साधन है। येलो लाइन पर हौज खास मेट्रो स्टेशन पर उतरें। यहां से मंदिर केवल 10 मिनट की दूरी पर है। आप मेट्रो स्टेशन से पैदल या ऑटो/ई-रिक्शा से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। ग्रीन पार्क मेट्रो स्टेशन भी पास है।
मंदिर सुबह 5:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है।
आई बागों में बहार,
झूला झूले राधा प्यारी ।
ऐसे मेरे मन में विराजिये
ऐसे मेरे मन में विराजिये
बच्छ बारस एक महत्वपूर्ण व्रत है जो माताएं अपने पुत्रों की दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए रखती हैं।
बच्छ बारस जिसे गोवत्स द्वादशी भी कहा जाता है। ये पर्व आगामी 28 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।