छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर में कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जिसका सम्बन्ध इतिहास और मान्यताओं से जुड़ा हुआ है। दूधाधारी मठ छत्तीसगढ़ रायपुर के प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मठ की स्थापना 1554 में हुई थी।
रायगढ़ से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर है बंजारी माता का मंदिर। पिछले कई सालों से आस्था केंद्र रहे इस मंदिर की भव्यता दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। , Raayagadh se lagabhag 20 kilomeetar dooree par hai Banjaaree Maata ka mandir. pichhale kaee saalon se aastha kendr rahe is mandir kee bhavyata din pratidin badhatee hee ja rahee hai.
शिवानी मंदिर, कांकेर शिवानी मां मंदिर के रुप में भी जाना जाता है। देनी की मूर्ति उत्तम है। , Shivaanee mandir, kaanker shivaanee maan mandir ke rup mein bhee jaana jaata hai. denee kee moorti uttam hai.
छत्तीसगढ़ का संस्कारधानी का पाताल भैरवी मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बन चुका है। माता का ये मंदिर 28 साल पहले बनकर तैयार हुआ। , Chhatteesagadh ka sanskaaradhaanee ka paataal bhairavee mandir logon kee aastha ka kendr ban chuka hai. maata ka ye mandir 28 saal pahale banakar taiyaar hua.
जतमई घटरानी मंदिर छत्तीसगढ़ के दक्षिण पूर्व हाइलैंड्स में रायपुर से लगभग 85 किमी दूर स्थित है। घटरानी और जतमई 2 अलग-अलग स्थान हैं यहां एक झरना है जो इस मंदिर के ठीक बगल में स्थित है। , Jatamee ghataraanee mandir chhatteesagadh ke dakshin poorv hailainds mein raayapur se lagabhag 85 kimee door sthit hai. ghataraanee aur jatamee 2 alag-alag sthaan hain yahaan ek jharana hai jo is mandir ke theek bagal mein sthit hai.
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में स्थित है, दंतेश्वरी माता मंदिर। देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है दंतेश्वरी मंदिर। यहां पर माता सती का दांत गिरा था। इसी वजह से इस जिले का नाम दंतेवाड़ा हो गया।
वैसे तो देश में देवी मां के हजारों लाखों मंदिर है, लेकिन क्या आप जानते है कि देश में एक ऐसा मंदिर है जिसका इतिहास 2200 साल पुराना है। जी हां हम बात करने जा रहे है छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव दिले के डोंगरगढ़ में स्थित मां बल्मेश्वरी के भव्य मंदिर के बारे में।