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चंद्रभागा शक्तिपीठ, गुजरात (Chandrabhaga Shaktipeeth, Gujarat)

चंद्रभागा शक्तिपीठ, गुजरात (Chandrabhaga Shaktipeeth, Gujarat)

वक्रतुंड भैरव के दर्शन का एकमात्र स्थान, तीन नदियों के संगम पर स्थित है माता का यह शक्तिपीठ


चंद्रभागा शक्तिपीठ गुजरात के जूनागढ़ में स्थित इस शक्तिपीठ के स्थान पर माता सती का पेट गिरने की मान्यता है। यहां माता सती को चंद्रभागा और भगवान शिव को वक्रतुंड भैरव के रूप में पूजा जाता है।


वर्तमान में यह शक्तिपीठ सोमनाथ ट्रस्ट के श्रीराम मंदिर के पीछे और हरिहर वन के निकट स्थित है। मंदिर तक जाने का रास्ता श्री राम मंदिर के प्रवेश द्वार के बायीं ओर से जाता है। सोमनाथ क्षेत्र में इस शक्तिपीठ की शक्ति के बारे में जानकारी का अभाव है।


मंदिर की पहचान तीन नदियों हिरन, कपिला और सरस्वती के पवित्र संगम से होती है। वर्तमान संरचना एक मंच की तरह है, यह एक उप मंदिर के अवशेष की तरह है जो शीर्ष पर नष्ट हो गया है। लेकिन सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के पुनर्निर्माण के दौरान देवी मंदिर के पुनर्निर्माण को वैसा ही छोड़ दिया।


चंद्रभागा मंदिर खुलने का समय सुबह 6:00 बजे और बंद होने का समय शाम 8:00 बजे है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ एक मेला लगता है जहाँ देशभर से लोग आते है।  


जूनागढ़ से 100 किमी है शक्तिपीठ की दूरी


प्रभास नाम के स्थान पर मौजूद इस शक्तिपीठ की जूनागढ़ से दूरी करीब 100 किमी है। गुजरात के प्रमुख शहर अहमदाबाद से इसकी दूरी 300 किमी से ज्यादा है। वेरावल जंक्शन रेलवे स्टेशन इस मंदिर का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। जूनागढ़ से निकटतम हवाई अड्डा राजकोट का करीब 100 किमी है।


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कनकधारा स्तोत्रम् (Kanakdhara Stotram)

अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्तीभृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्।
अङ्गीकृताऽखिल-विभूतिरपाङ्गलीलामाङ्गल्यदाऽस्तु मम मङ्गळदेवतायाः॥1॥

धनदालक्ष्मी स्तोत्रम्

देवी देवमुपागम्य नीलकण्ठं मम प्रियम्।
कृपया पार्वती प्राह शंकरं करुणाकरम्॥

देवी सरस्वती स्तोत्रम् (Devi Saraswati Stotram)

या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवलाया शुभ्र-वस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकराया श्वेतपद्मासना।

श्री सरस्वती स्तोत्रम् (Shri Saraswati Stotram)

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।

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