हरियाणा के पंचकूला में भगवान शिव का प्राचीन सकेतड़ी मंदिर है। मान्यता है कि वनवास के दौरान पांडवों ने यहां तपस्या की थी। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव यहां साक्षात प्रकट हुए थे। भगवान यहां शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। इसे रंग-बिरंगे फूलो से सजाया गया है और इसका निचला हिस्सा चांदी है। मूर्ति के पास एक चांदी का सांप देखा जा सकता है।
सफेद संगमरमर से बने इस मंदिर के गुंबद पर सोने की परत चढ़ाई गई है। इस मंदिर में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दिन यहां पर लंबी कतारें लगती हैं। लंबे इंतजार के बाद यहां पर भोले बाबा दर्शन देते है। भक्त सुबह 4 बजे से यहां पहुंचते है। मंदिर के बाहर समाजसेवी संस्थान अलग-अलग तरीके के भंडारे लगाये जाते हैं। पकौड़ों से लेकर शरबत जैसी चीजों के भंडारे भक्तों के लिए लगाए जाते हैं, जहां दर्शन करने के बाद भक्त प्रसाद का सेवन करते हैं।
हवाई मार्ग - मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ एयरपोर्ट है। यहां से आप टैक्सी या कैब के द्वारा सकेतड़ी शिव मंदिर पहुंच सकते हैं। एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी 20 किलोमीटर की है।
रेल मार्ग - मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ है। स्टेशन से आप ऑटो-टैक्सी या रिक्शा लेकर पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग - चंडीगढ़ सभी मार्गो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं और सड़के सुगम हैं। यहां पर बस सेवाएं भी अच्छी उपलब्ध है।
छठ पूजा एक प्राचीन हिंदू महापर्व है। जिसे मुख्य रूप से बिहार, झारखंड पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है।
छठ पर्व भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसे कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है। छठ महापर्व का देशभर में प्रचलन बढ़ रहा है।
छठ पूजा कोई आम पर्व नहीं बल्कि एक महापर्व है जो भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में मनाया जाता है।
छठ पूजा भारतीय सनातन परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो सूर्यदेव और छठी माता को समर्पित है। इस पूजा में ठेकुआ एक प्रमुख प्रसाद होता है।