शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व जो भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, इस वर्ष बेहद खास होने वाला है। 3 अक्टूबर से शुरू होकर 11 अक्टूबर तक चलने वाले इस उत्सव में एक अनोखी तिथि दो दिन तक मनाई जा रही है। ऐसे में तिथियों में होने वाली घट-बढ़ किसी को भी असमंजस में डाल सकती है। लेकिन इस लेख के माध्यम से आपको स्पष्ट हो जाएगा कि कौन सी तिथि घट रही है और कौन सी बढ़ रही है। आइए इस लेख में हम शारदीय नवरात्रि की तिथियों के बारे में विस्तार से जानते हैं और इसके पीछे के महत्वपूर्ण कारणों को समझते हैं।
दरअसल साल 2024 की शारदीय नवरात्रि वैसे तो पूरे नौ दिन की ही रहेगी लेकिन इस नवरात्रि में तिथियों की हेर फेर से काफी लोगों को परेशानी हो रही है।
इस बार पंचमी तिथि दो दिन रहेगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि पंचमी 7 तारीख के दिन सूर्योदय पर आएगी और 8 तारीख के दिन सूर्योदय पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि से दो दिन यानी 7 और 8 अक्टूबर दोनों दिन पंचमी तिथि मनाई जाएगी।
इस बार दो पंचमी होने के अलवा अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन मनाई जाएंगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार अष्टमी और नवतीं तिथि शुक्रवार को एक साथ आएंगी, यानी जिनके घरों में कुल देवी-देवता की पूजन अष्टमी पर होती है वे भी 11 अक्टूबर को ही पूजा करेंगे और जिनके घरों में नवमीं पर कुल देवी की पूजा होती है वे भी 11 अक्टूबर को ही कुल देवी की पूजा कर पाएंगे।
हिंदू धर्म में भगवान कार्तिकेय शिव-शक्ति के ज्येष्ठ पुत्र हैं। उन्हें युद्ध और बुद्धि का देवता कहा जाता है। इतना ही नहीं, भगवान कार्तिकेय को शक्ति और पराक्रम का स्वामी के रूप में भी जाना जाता है।
हाँ माँ हो तो ऐसी हो ऐसी हो
ऐसी हो काली मैय्यां तेरे जैसी हो
माँ का है जगराता,
माँ को आज मनाएंगे,
माँ का नाम जपे जा हर पल,
लागे ना कोई मोल रे,