Aaj Ka Panchang: आज 30 मई 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 30 May 2025: आज 30 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का चौथा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष तिथि चतुर्थी है। आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर सर्वार्थसिद्धि योग के साथ रवि योग भी रहेगा। सूर्य वृषभ राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा मिथुन से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। आपको बता दें, आज शुक्रवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:51 ए एम से 12:46 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 10:35 ए एम से 12:19 पी एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। आज विनायक चतुर्थी है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 30 मई 2025
- तिथि - ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि
- नक्षत्र - मूल
- दिन/वार - शुक्रवार
- योग - पुष्य
- करण - वणिज, विष्टि और बव
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 29 मई 11:18 पी एम तक से
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त - 30 मई 09:22 पी एम तक
सूर्य-चंद्र गोचर
- सूर्य - सूर्य देव वृषभ राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा मिथुन से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त
- सूर्योदय - 05:24 ए एम
- सूर्यास्त - 07:14 पी एम
- चन्द्रोदय - 08:16 ए एम
- चन्द्रास्त - 10:50 पी एम
आज का शुभ मुहूर्त और योग 30 मई 2025
- सर्वार्थसिद्धि योग - 07:12 पी एम से 08:43 पी एम
- रवि योग - 05:24 ए एम से 09:29 पी एम
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:03 ए एम से 04:43 ए एम।
- अभिजीत मुहूर्त - 11:51 ए एम से 12:46 पी एम।
- अमृत काल - 07:12 पी एम से 08:43 पी एम।
- विजय मुहूर्त - 02:37 पी एम से 03:32 पी एम।
- गोधूलि मुहूर्त - 07:12 पी एम से 07:33 पी एम।
- संध्या मुहूर्त - 07:14 पी एम से 08:15 पी एम।
आज का अशुभ मुहूर्त 30 मई 2025
- राहु काल - 10:35 ए एम से 12:19 पी एम।
- गुलिक काल - 07:08 ए एम से 08:51 ए एम।
- यमगंड - 03:46 पी एम से 05:30 पी एम।
- दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
- वर्ज्य - 10:04 ए एम से 11:35 ए एम। 05:22 ए एम, मई 31 से 06:56 ए एम, मई 31।
- भद्रा - 10:14 ए एम से 09:22 पी एम
30 मई 2025 पर्व/त्योहार/व्रत
- शुक्रवार का व्रत - आज आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित है।
- मासिक विनायक चतुर्थी - मासिक विनायक चतुर्थी हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है और यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन श्रद्धालु गणपति की पूजा करके विघ्नों की शांति, बुद्धि, ज्ञान और सौभाग्य की कामना करते हैं। मासिक चतुर्थी विशेष रूप से उन भक्तों के लिए फलदायी मानी जाती है जो जीवन में रुकावटें, निर्णय में भ्रम या मानसिक अशांति का अनुभव कर रहे हों। व्रत रखने, गणेश मंत्रों के जाप और लड्डू या दूर्वा अर्पण करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- शुक्रवार के उपाय - शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को समर्पित है। इस दिन कुछ उपाय करके आप अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं। शुक्रवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें। इसके बाद देवी लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें कमल के फूल, सफेद चंदन, और मिठाई अर्पित करें। शुक्रवार के दिन गरीबों को सफेद वस्त्र और दूध दान करना भी लाभदायक होता है। इसके अलावा, शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुक्रवार के दिन व्रत रखें और शुक्र ग्रह के मंत्र "ॐ शुक्राय नमः" का जाप करें। इन उपायों को करने से आपको जीवन में सुख-समृद्धि और आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है।
- विनायक चतुर्थी के उपाय - मासिक विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को दूर्वा की 21 गांठें, लाल फूल, सिंदूर और मोदक का भोग अर्पित करना विशेष फलदायी होता है। इस दिन "ॐ गण गणपतये नमः" मंत्र का 108 बार जाप करने से बुद्धि, निर्णय क्षमता और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। संतान सुख, व्यवसाय में बाधा, और पारिवारिक अशांति जैसे कष्टों के निवारण हेतु इस दिन व्रत रखकर गणेश जी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजन के पश्चात गरीबों को भोजन या लड्डू दान करने से पुण्य और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
........................................................................................................सनातन धर्म में प्रदोष व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। इसका इंतजार शिव भक्तों को बेसब्री से रहता है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर शिव पूजन करने और उपवास रखने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शनि प्रदोष का दिन भगवान भोलेनाथ के साथ शनिदेव की पूजा-आराधना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन शनिदेव और शिवजी की पूजा करने से जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है और शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा समेत अन्य परेशानियां भी दूर होती है।
हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग के मुताबिक साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा, इस दिन शनिवार होने के कारण यह शनि प्रदोष भी कहलाएगा।
सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन से प्रयागराज में कल्पवास शुरू किया जाता है, इस दिन व्रत, स्नान दान करने से मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं।