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24 May 2025 Panchang (24 मई 2025 का पंचांग)

24 May 2025 Panchang (24 मई 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 24 मई 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह


Aaj Ka Panchang 24 May 2025: आज 24 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का ग्यारहवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष तिथि द्वादशी और त्रयोदशी है। आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर आयुष्मान योग रहेगा। सूर्य देव वृषभ राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा मीन और मेष राशि करेंगे। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल सुबह 08 बजकर 52 मिनट से सुबह 10 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान शनिदेव को समर्पित होता है। आज शनि त्रयोदशी के साथ प्रदोष व्रत भी है। साथ ही आज सर्वार्थ सिद्धि योग और आयुष्मान योग का संयोग है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 


आज का पंचांग 24 मई 2025

  • तिथि - द्वादशी और त्रयोदशी 
  • नक्षत्र - अश्विनी
  • पक्ष - कृष्ण 
  • दिन/वार - शनिवार
  • योग - आयुष्मान
  • करण - कौलव, तैतिल और गर 

ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि प्रारंभ - 23 मई 10 बजकर 29 मिनट तक

ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि समाप्त - 24 मई 07 बजकर 20 मिनट तक


सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य -  वृषभ
  • चंद्र - मीन और मेष


सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर 
  • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 10 मिनट पर 
  • चन्द्रोदय - 25 मई रात्रि 03 बजकर 33 मिनट पर 
  • चन्द्रास्त - 25 मई सुबह 04 बजकर 11 मिनट पर   


आज का शुभ मुहूर्त और योग 00 मई 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - प्रात:काल 04:04 बजे से सुबह 04:45 बजे तक।
  • अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक। 
  • अमृत काल - सुबह 11:37 बजे से सुबह 01:05 बजे तक।  
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02:36 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक। 
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07:09 बजे से शाम 07:30 बजे तक।
  • संध्या मुहूर्त - शाम 07:10 बजे से रात्रि 08:12 बजे तक।


आज का अशुभ मुहूर्त 24 मई 2025

  • राहु काल - सुबह 08:52 बजे से सुबह 10:35 बजे तक। 
  • गुलिक काल - दोपहर 05:26 बजे से दोपहर 07:09 बजे तक।  
  • यमगंड - सुबह 02:01 बजे से दोपहर 03:44 बजे तक। 
  • वर्ज्य - रात्रि 00:00 बजे से 00 मई रात्रि 00:00 बजे तक।
  • आडल योग - प्रात:काल 00:00 बजे से शाम 00:00 बजे तक।
  • गण्ड मूल - पूरे दिन 
  • विडाल - 01:48 से 05:26 तक 
  • पंचक - 05:26 ए एम से 01:48 पी एम


24 मई 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

शनिवार के उपाय - शनिवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन भगवान शनि की पूजा करना शुभ माना जाता है। शनिवार के दिन काले वस्त्र धारण करने, काले तिल, काले चने और काली उड़द का दान करने से भी लाभ होता है। इसके अलावा, इस दिन शनि मंदिर में जाकर भगवान शनि की पूजा करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं।



24 मई 2025 आज के पंचांग का महत्व / पर्व त्योहार 

आज श्रवण नक्षत्र है। श्रवण को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। साथ ही ज्येष्ठ मास की शुरूआत हो चुकी है। इस माह में सूर्य देव और वरुण देव की आराधना करने से विशेष शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस माह में जल के दान का महत्व बहुत बड़ा माना जाता है, इसलिए प्यासे लोगों और जानवरों को पानी पिलाना चाहिए। वार के हिसाब से आज आप भगवान शिव की विधिवत पूजन करे। 


शनि त्रयोदशी का व्रत 

शनि त्रयोदशी वह तिथि होती है जब त्रयोदशी तिथि शनिवार के दिन पड़ती है। यह दिन विशेष रूप से शनि देव की कृपा प्राप्त करने और उनके प्रकोप से बचने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत, उपवास, और शनि देव की विशेष पूजा करने से जीवन में आने वाले संकट, रोग, आर्थिक बाधाएं और शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रभाव से राहत मिलती है। व्रती काले तिल, तेल, और काले वस्त्रों का दान करते हैं और "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करते हैं।


शनि प्रदोष व्रत का महत्व 

प्रदोष व्रत हर पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है और यह भगवान शिव को समर्पित होता है। जब यह व्रत शनिवार को पड़ता है तो इसे "शनि प्रदोष" कहा जाता है, जिसका फल और भी अधिक पुण्यदायी होता है। प्रदोष काल (संध्या समय) में शिव-पार्वती की पूजा कर उपवास रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से समस्त पापों का नाश होता है, इच्छाएं पूर्ण होती हैं और शिव कृपा से आयु, आरोग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।


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