Aaj Ka Panchang 15 June 2025: आज 15 जून 2025 को आषाढ़ माह का चौथा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष तिथि चतुर्थी है। आज रविवार का दिन है। सूर्य देव वृषभ राशि मिथुन में प्रवेश करेंगे। वहीं चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:54 ए एम से 12:50 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 05:36 पी एम से 07:20 पी एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो ग्रहों के राजा सूर्य देव को समर्पित होता है। आज मिथुन संक्रांति का योग है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आषाढ़ कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 03:46 पी एम तक से, 14 जून
आषाढ़ कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त - 03:51 पी एम तक से
मिथुन संक्रांति वह दिन होता है जब सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करता है। यह संक्रांति खासतौर पर सूर्य उपासना, दान और शुभ कार्यों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह समय ग्रीष्म ऋतु से वर्षा ऋतु की ओर बढ़ने का संकेत देता है। धार्मिक दृष्टि से यह संक्रांति पुण्यकाल में आती है और इसमें स्नान, दान और जप-तप का विशेष महत्व होता है। इस दिन किए गए कर्मों का फल कई गुना बढ़कर प्राप्त होता है।
मार्गशीर्ष माह भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित माना जाता है। इस माह कई बड़े व्रत त्योहार भी पड़ रहे हैं। ऐसे में इस आलेख में देखिए त्योहारों की पूरी लिस्ट डेट और इनका महत्व।
मार्गशीर्ष माह कब शुरू हो रहा है? ये श्रीकृष्ण की पूजा के लिए क्यों है खास? इस आलेख में जानें कार्तिक माह के बाद आने वाले मार्गशीर्ष के महत्व और लाभ।
संक्रांति मतलब सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना और इसका वृश्चिक राशि में प्रवेश वृश्चिक संक्रांति कहलाता है। यह दिन सूर्य देव की विशेष पूजा और दान करने के लिए शुभ है और व्यक्ति के भाग्योदय में होता है।
भगवान सूर्य देव की उपासना का दिन वृश्चिक संक्रांति हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहार में से एक है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को धन वैभव की प्राप्ति के साथ दुःखों से मुक्ति मिलती है। लेकिन क्या आपको पता है इस साल वृश्चिक संक्रांति कब हैं। वृश्चिक संक्रांति 2824 को लेकर थोड़ा असमंजस है।