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ऋग्वेद (Rigveda)

ऋग्वेद (Rigveda)

ऋग्वेद संस्कृत की ऋक धातु से निर्मित शब्द है, जिसका मतलब होता है स्थिति और ज्ञान। ऋग्वेद सबसे प्राचीन और पहला वेद है। ये वेद काव्य या पद्य स्वरुप में लिखा गया है। ऋग्वेद के 10 मंडलों को दो भागों में बांटा गया है जिसमें करीब 10,647  ऋचाएं और ६४ अध्याय हैं।  इस वेद में देवताओं के आवाहन, प्रार्थना, स्तुतियां और देवलोक के बारे में बताया गया है। ऋग्वेद की 5 शाखाएं हैं जिनमें शाकल्प, वास्कल, अश्वलायन, शंखायन और मंडूकायन के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा ऋग्वेद में आर्यों की राजनीतिक प्रणाली एवं इतिहास के बारे में भी जानकारी मिलती है। साथ ही जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सौर चिकित्सा, मानस चिकित्सा और हवन द्वारा चिकित्सा के बारे में जानकारी भी इसी वेद में दी गई है।


ऋग्वेद के 10 मंडलों में पहला और आखिरी मंडल एक बराबर और सबसे बड़े हैं. जबकि दूसरे मंडल से सांतवे मंडल के बीच का भाग ऋग्वेद का श्रेष्ठ भाग कहा जाता है।ये वेद मुख्य रूप से अग्नि, वायु, वरुण, इंद्र, विश्वदेव, मरुत, प्रजापति, सूर्य, उषा, पूषा, रुद्र, सविता आदि देवताओं का समर्पित किया गया है। इसके अलावा वर्तमान में ऋग्वेद के दस उपनिषद हैं, जिनमें ऐतरेय, आत्मबोध, कौषीतकि, मूद्गल, निर्वाण, नादबिंदू, अक्षमाया, त्रिपुरा, बह्वरुका और सौभाग्यशाली उपनिषद के नाम हैं।

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बड़े बलशाली है, बाबा बजरंग बली(Bade Balshali Hai Baba Bajrangbali)

जड़ से पहाड़ों को,
डाले उखाड़,

बड़े मान से जमाना, माँ तुमको पूजता है (Bade Maan Se Zamana Maa Tujhe Pujata Hai)

बड़े मान से जमाना,
माँ तुमको पूजता है,

बड़े तुम्हारे है उपकार मैया(Bade Tumhare Hai Upkar Maiya)

बड़े तुम्हारे है उपकार मैया,
तुमने जो होके दयाल,

बांके बिहारी हमें भूल ना जाना (Banke Bihari Hame Bhul Na Jana)

बांके बिहारी हमें भूल ना जाना,
जल्दी जल्दी वृन्दावन,

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