Aaj Ka Panchang 21 June 2025: आज 21 जून 2025 को आषाढ़ माह का दसवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष तिथि दशमी है। आज शनिवार का दिन है। सूर्य मिथुन राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा मेष में प्रवेश रहेंगे। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:55 ए एम से 12:51 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 08:53 ए एम से 10:38 ए एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित होता है। आज योगिनी एकादशी का भी त्योहार है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आषाढ़ कृष्ण पक्ष दशमी तिथि प्रारंभ - 09:49 ए एम से, 20 जून
आषाढ़ कृष्ण पक्ष दशमी तिथि समाप्त - 07:18 ए एम तक
योगिनी एकादशी, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है और इसे पापों का नाश करने वाली तथा रोगों से मुक्ति दिलाने वाली एकादशी माना गया है। इस व्रत का महत्व इतना है कि इसके प्रभाव से व्यक्ति को सभी लोकों में मान-सम्मान प्राप्त होता है और विशेष रूप से स्वास्थ्य संबंधी कष्टों से राहत मिलती है। स्कंद पुराण के अनुसार, यह व्रत 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य देता है। इस दिन उपवास रखकर भगवान विष्णु का तुलसी पत्र, पंचामृत, फल व धूप-दीप से पूजन करें और विष्णु सहस्रनाम या "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। व्रत कथा सुनना और जरूरतमंदों को अन्न-वस्त्र का दान करना भी विशेष पुण्यदायक माना जाता है।
छिन्नमस्ता जयंती दस महाविद्याओं में से छठी देवी के रूप में प्रतिष्ठित देवी छिन्नमस्ता की जयंती है। इस वर्ष यह रविवार 11 मई को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से तांत्रिक साधकों और शक्ति साधकों के लिए महत्वपूर्ण होता है। आइए जानते हैं इस दिन की पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में।
मां छिन्नमस्ता, जिन्हें तंत्र साहित्य में दस महाविद्याओं में तीसरे स्थान पर रखा गया है, वह मां पार्वती का उग्र रूप मानी जाती हैं। उनकी उत्पत्ति की कथा अत्यंत रहस्यमय है, जो भक्तों को त्याग, बलिदान और आत्मरक्षा की दिशा में प्रेरित करती है।
झारखंड राज्य के रामगढ़ जिले में स्थित रजरप्पा का छिन्नमस्तिका देवी मंदिर एक अद्भुत शक्तिपीठ है, जहां बिना सिर वाली देवी की पूजा की जाती है। यह मंदिर तांत्रिक विद्या के लिए भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह स्थान विशेष और रहस्यमय महत्व रखता है।
कूर्म जयंती, भगवान विष्णु के दूसरे अवतार कूर्म ‘कछुए’ के रूप में प्रकट होने की तिथि है। इस साल कूर्म जयंती 12 मई, सोमवार को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।